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सूचिकांक पर बिहार की सियासत गरम सुशासन’ में 15वें पायदान पर पहुंचा बिहार

बता दे की बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी उपलब्धियां गिनाने में लगी है। बिहार की राजनीतिक में सत्ता पक्ष की ओर से सबसे ज्यादा कोई बात कही जाती है तो वह विपक्ष के ‘जंगल राज’ की तुलना वर्तमान के ‘सुशासन’ के दावे की है। हालांकि भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा जो सूची जारी की गई है उसके अनुसार बिहार पूरे देश में 15वें पायदान पर है, झारखंड 18 वें स्थान पर है। केंद्र सरकार द्वारा जारी सूची पर अब बिहार की सियासत गरमा गई है।

विपक्ष इसे जहां नीतीश कुमार की विफलता मानती है वहीं जदयू ने इस सूचिकांक पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावे पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार की सुशासन की पोल खुल गई है। उनके सहयोगी दल ने ही तथाकथित सुशासन की पोल खोली है इसलिए उनको सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है. दूसरी तरफ कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार के 15 साल के शासन की पोल खुल गई है. नीतीश कुमार सिर्फ प्रचार के बूते सुशासन का तमगा लिए हुए थे.

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