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14 साल बाद बाबूलाल आज बीजेपी में करेंगे वापसी

झारंखड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी आज लगभग 14 साल बाद बीजेपी में वापसी करने जा रहे हैं. बाबूलाल की घर वापसी झारखंड में बीजेपी की सियासत में आमूल-चूल बदलाव करने जा रही है. झारखंड में एक अदद आदिवासी चेहरे की तलाश कर रही बीजेपी को बाबूलाल मरांडी के रूप में एक ऐसा नेता मिल गया है जिसकी जड़ें संघ से जुड़ी हैं और जो झारखंड की राजनीति का जाना-माना नाम है.

बाबूलाल की घर वापसी को लेकर रांची में एक मेगा शो रखा गया है. इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी उपाध्यक्ष ओम माथुर मौजूद रहेंगे. इन दोनों दिग्गजों की मौजूदगी में बाबूलाल कंघी से कमल की ओर प्रस्थान करेंगे. जेवीएम अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के बीजेपी में विलय की घोषणा पहले ही कर चुके हैं. बाबूलाल मरांडी आज औपचारिक रूप से एक बार फिर से उसी दल में आ जाएंगे जहां से उन्होंने राजनीति का ककहरा सीखा था.

झारखंड गठन के साथ ही 15 नवंबर 2000 को बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे. राज्य के मुखिया के रूप में ये उनकी पहली पारी थी, बाबूलाल को यहां जबर्दस्त गुटबाजी का सामना करना पड़ा. मात्र 28 महीने बाद उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. बाबूलाल मरांडी के बाद भारतीय जनता पार्टी के अर्जुन मुंडा प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे वही बता दे इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गुटबाजी की खबरें भी आती रही.

इस दौरान झारखंड में ट्राइबल बनाम गैर ट्राइबल की आदिवासी लड़ाई चलती रही.2019 का विधानसभा चुनाव मरांडी के लिए कई संयोग लेकर आया. इस चुनाव में बीजेपी बुरी तरह तो हारी ही. जिस गैर आदिवासी चेहरे के दम पर बीजेपी चुनाव लड़ी वो अपनी सीट भी नहीं बचा पाए.

पांच साल तक सीएम रहने के बाद रघुवर दास की हार बीजेपी को अखर गई. बीजेपी को अब ऐसे नेता की तलाश थी जो आदिवासी भी हो जिसकी राज्य की राजनीति में स्वीकार्यता भी हो. बीजेपी की तलाश अपने ही पुराने सिपहसालार बाबूलाल मंराडी पर आकर खत्म हुई. इसी के साथ झारखंड की राजनीति का नया अध्याय शुरू हो रहा है.

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