पीएम मोदी ने कहा- न्यू इंडिया में होंगे उत्तम अस्पताल और उत्कृष्ट डॉक्टर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) तथा सफदरजंग अस्पताल में पांच सुविधाओं का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों में पब्लिक हेल्थकेयर को लेकर देश को एक नई दिशा दी गई है। केंद्र सरकार के प्रयास से हम उस स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैं, जहां देश के गरीब और मध्यम वर्ग को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भटकना नहीं पड़े और अनावश्यक खर्च भी न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया के लिए एक ऐसी स्वास्थ्य व्यवस्था का निर्माण किया जा रहा है, जहां उत्तम अस्पताल हों, ज्यादा बेड हों, बेहतर सुविधाएं हों और उत्कृष्ट डॉक्टर हों। हमारी सरकार 58 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज के तौर पर अपग्रेड कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस सरकार का विजन सिर्फ अस्पताल, बीमारी और दवाई और आधुनिक सुविधाओं तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि कम खर्च पर देश के हर व्यक्ति को इलाज मुहैया हो, इसकी भी कोशिश है। इसी सोच के साथ नेशनल हेल्थ पॉलिसी का निर्माण किया गया है ।
पीएम ने कहा कि एम्स पर बढ़ते दबाव को देखते हुए दिल्ली में इसके सभी कैंपसों की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। आज 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले नेशनल सेंटर फॉर एजिंग का शिलान्यास हुआ है। ये सेंटर 200 बेड्स का होगा।
उन्होंने कहा कि सफदरजंग अस्पताल में भी 1300 करोड़ रुपये खर्च करके अस्पताल को आधुनिक बनाने का काम हुआ है। यहां एक इमरजेंसी ब्लॉक और एक सुपर स्पेशिलियटी ब्लॉक की सेवाओं को देश को समर्पित किया गया है।
PM मोदी ने किया सबसे बड़े इमरजेंसी सेंटर का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सफदरजंग अस्पताल में नवनिर्मित सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक तथा इमरजेंसी ब्लॉक का भी उद्घाटन किया। इसके अलावा, पीएम मोदी ने एम्स में बुजुर्गों के इलाज के लिए देश पहले नेशनल सेंटर फॉर एजिंग की आधारशिला भी रखी।
उल्लेखनीय है कि सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी ब्लॉक में 500 बेड की सुविधा होगी। अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस यह देश का सबसे बड़ा इमरजेंसी सेंटर है। वैसे इमरजेंसी ब्लॉक में पहले से मरीजों का इलाज शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक कुल 260 बेड का ही इस्तेमाल हो रहा है। शुक्रवार को हुए विधिवत उद्घाटन के बाद उम्मीद है कि पूरी क्षमता के अनुसार इसमें मरीजों का इलाज हो सकेगा।
इसके अलावा उऩ्होंने एम्स में देश के पहले नेशनल एजिंग सेंटर के निर्माण की आधारशिला भी रखी। इसमें बुजुर्गों के इलाज के लिए 200 बेड व शोध की सुविधा होगी। इसके अलावा एम्स व ट्रॉमा सेंटर के बीच बने अंडरपास व धर्मशाला का उद्घाटन भी किया।
सप्ताह में पांच से छह मरीजों का हो सकेगा किडनी प्रत्यारोपण
इस ब्लॉक के जनरल वार्ड में यूरोलॉजी विभाग के पलिए 40 बेड तथा आइसीयू के 30 बेड आरक्षित रहेंगे। इनमें से 10 बेड व छह आइसीयू बेड किडनी प्रत्यारोपण के लिए आरक्षित रहेंगे। यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अनुप कुमार ने कहा कि बेड बढ़ने से हर दिन एक मरीज का किडनी प्रत्यारोपण हो सकेगा। सप्ताह में पांच से छह मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा। अभी सप्ताह में एक मरीज का किडनी प्रत्यारोपण हो पाता है।
हाईब्रिड कैथ लैब से लैस है सफदरजंग अस्पताल का सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के कार्डियक सर्जरी विभाग का रिकार्ड अबतक भले ही बेहतर नहीं रहा हो, मगर अस्पताल में नवनिर्मित सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक एम्स की तरह अत्याधुनिक चिकित्सा संसाधनों से सुसज्जित है। इस ब्लॉक में हृदय की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए हाईब्रिड कैथ लैब का निर्माण किया गया है, जिसमें एंजियोप्लास्टी के अलावा जरूरत पड़ने पर मरीज की सर्जरी भी की जा सकेगी। इस तरह की सुविधा देश के चुनिंदा अस्पतालों में है।
दिल्ली में एम्स के अलावा सरकारी क्षेत्र के अन्य किसी भी अस्पताल में यह सुविधा नहीं है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इस ब्लॉक के शुरू होने से सफदरजंग में हृदय की बीमारियों के इलाज की बेहतर सुविधा मिल पाएगी। इसके अलावा किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी भी अधिक हो सकेंगी, जिससे किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों को प्रत्यारोपण के लिए भटकने व अधिक इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि इस ब्लॉक में हाईब्रिड कैथ लैब की सुविधा है, जो नई तकनीक है। इस तरह की कैथ लैब में एंजियोप्लास्टी के अलावा सर्जरी की भी सुविधा होती है। इससे फायदा यह होगा कि एंजियोप्लास्टी के दौरान यदि डॉक्टर को लगे कि मरीज की बाईपास सर्जरी की जरूरत है तो मरीज को ऑपरेशन थियेटर में स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं होगी। तत्काल हाईब्रिड कैथ लैब में ही कार्डियक सर्जन पहुंचकर मरीज की सर्जरी कर सकेंगे।
क्या होती है कैथ लैब
सामान्य कैथ लैब में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की सुविधा होती है। एंजियोप्लास्टी सर्जिकल प्रोसिजर नहीं है। हृदय की धमनियों में ब्लॉक होने पर कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर धमनियों में स्टेंट डालकर ब्लॉकेज दूर कर देते हैं। एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर कहते हैं कि हृदय की बीमारियों के इलाज के लिए कई प्रोसिजर में कार्डियक सर्जन व कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों को मिलकर काम करना पड़ता है। खासतौर पर यदि मुख्य धमनी से जुड़ी परेशानी हो तो दोनों विभागों के डॉक्टरों का प्रोसिजर में शामिल होना जरूरी होता है।
सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में सर्जरी भी शुरू
सफदरजंग अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में ओपीडी के अलावा सर्जरी भी शुरू कर दी गई है। मंगलवार को यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने प्रोस्टेट की बीमारी से पीड़ित चार मरीजों की सर्जरी की। उल्लेखनीय है कि आगामी 29 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सफदरजंग में नवनिर्मित सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक व इमरजेंसी ब्लॉक का शुभारंभ करेंगे। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की बेड क्षमता 800 व इमरजेंसी ब्लॉक की बेड क्षमता 500 है। इन दोनों ब्लॉक के शुरू होने से सफदरजंग अस्पताल की बेड क्षमता 2031 हो जाएगी। इस तरह सफदरजंग बेड क्षमता के मामले में एम्स से बड़ा अस्पताल हो जाएगा। हालांकि, एम्स में भी कई सेंटरों का निर्माण चल रहा है और बेड क्षमता दोगुनी करने की योजना है।