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BJP नेता विजेंद्र गुप्ता ने खोला अहम राज, आखिर क्यों घबराए हुए हैं अरविंद केजरीवाल

मुख्य सचिव से कथित मारपीट के मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ताजा निशाना साधा है। दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि इस मामले में पुलिस कार्रवाई की संभावना से सीएम केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक घबरा गए हैं, इसलिए वे केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस के खिलाफ बेबुनियाद टिप्पणी कर रहे हैं। ऐसा करके वे पुलिस की जांच को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम को पुलिस जांच में रोड़े अटकाने के बजाय अदालत में अपनी बात कहनी चाहिए।

बकौल विजेंद्र गुप्ता, मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री सहित 13 विधायकों को आरोपित बनाए जाने की खबरों को लेकर दिल्ली सरकार व AAP में घबराहट का माहौल है। झूठ सामने आने के बाद AAP नेता बुरी तरह से घबराए हुए हैं। मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन ही इस घटना के चश्मदीद गवाह बनकर उनकी सरकार व पार्टी के विरुद्ध मोर्चा खोल चुके हैं। पुलिस केस को मजबूत करने के लिए अनेक सबूत जुटा चुकी है। ऐसे में मुख्यमंत्री व उनके साथियों को लग रहा है कि वे अपने बुने जाल में खुद ही फंस गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री व उनके साथी दिल्ली पुलिस व केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर न्यायिक प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई न करे, ताकि मुख्य सचिव से मारपीट करने वालों के खिलाफ आरोप साबित न हो सके। पुलिस और न्यायपालिका के कार्य में दखल देना आप की अराजकतापूर्ण मानसिकता का प्रतीक है।

यहां पर बता दें कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी व मारपीट मामले में तैयार की गई चार्जशीट में उत्तरी जिला पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को ही मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है। वीके जैन ने अपने बयान में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खां व प्रकाश जारवाल द्वारा मुख्य सचिव को गला दबाकर सात थप्पड़ व घूसे मारने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अंशु प्रकाश की जब पिटाई की जाने लगी थी, तब उनका चश्मा जमीन पर गिर गया था।

आरोपियों के खिलाफ मजबूत चार्जशीट
पुलिस के अनुसार, वीके जैन के माध्यम से ही केजरीवाल ने मुख्य सचिव को सुबह से देर रात तक बार-बार फोन करवाकर बैठक के बहाने अपने आवास पर बुलाया था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मारपीट मामले में पुलिस ने सबूतों के आधार पर जिस तरीके से मजबूत चार्जशीट तैयार की है, वह सरकार के लिए गले की फांस बन सकती है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इस केस का सबसे मजबूत सबूत सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी वीके जैन का बयान है।

बता दें 19 फरवरी की आधी रात 12 बजे केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर मुख्य सचिव के साथ हुई बदसलूकी व मारपीट की घटना के बाद 21 फरवरी की सुबह सिविल लाइंस थाना पुलिस ने वीके जैन से पूछताछ की थी। पहले तो उन्होंने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली पुलिस ने अगले दिन 22 फरवरी को मजिस्ट्रेट के सामने बंद कमरे में उनका धारा-164 के तहत बयान दर्ज करवा दिया था, ताकि वह सबकुछ सच बता सकें। मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में उन्होंने घटना की पूरी घटना उजागर कर दी थी। तभी पुलिस ने उन्हें केस का मुख्य चश्मदीद गवाह बना लिया था।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि केजरीवाल ने वीके जैन के जरिये ही बार-बार फोन करवाकर मुख्य सचिव को देर रात 12 बजे अपने आवास पर बुलवाया था। वीके जैन के सामने सारी घटना घटी थी। पुलिस को लगता है कि घटना का कोई चश्मदीद अगर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, सच्चाई नहीं बता रहा है तो मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज करवा दिया जाता है।

पुलिस अधिकारी के अनुसार, मुख्य सचिव से केवल मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ही पूछताछ कर सकते हैं और उन्हें बैठक के लिए बुला सकते हैं, लेकिन इस केस में मुख्य सचिव को बुलाने के बाद केजरीवाल ने उन्हें विधायकों के सवालों के जवाब देने के लिए कहा था। विधायकों का उनसे सवाल करना भी नियम के खिलाफ था। उन्हें सोफे पर दो विधायकों के बीच में बैठाना भी गलत था।

पुलिस केजरीवाल व मनीष सिसोदिया को भी बनाएगी आरोपी
ज्ञात हो कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी व मारपीट मामले में पुलिस आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों के अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी आरोपित बनाएगी। पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है और एक सप्ताह के अंदर तीस हजारी कोर्ट में इसे दायर कर देगी।

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