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राजद व परिवार में बड़ी भूमिका तलाश रहे तेज प्रताप, आसान नहीं आगे की राह

राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की आए दिन सार्वजनिक होती नाराजगी के बीच परिवार व पार्टी में सबकुछ ठीक हाेने का दावा किया जा रहा है। गुरुवार को राजद के स्‍थापना दिवस समारोह में फिर ‘ऑल इज वेल’ का दावा दुहराया गया। लेकिन, तेज प्रताप यादव ने यह स्‍पष्‍ट कर दिया है कि वे पार्टी में अपनी बड़ी भूमिका चाहते हैं। उनके संबोधन के दौरान कई बड़े नेता असहज होते भी दिखे।

पार्टी व परिवार में सबकुछ ठीक नहीं

राजद व पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में सब कुछ सामान्य नहीं है। सोमवार को लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के फेसबुक पेज पर एक पोस्‍ट में परिवार व कुछ ‘आस्‍तीन के सांपों’ के खिलाफ बड़े आरोप लगाए गए। हालांकि, थोड़ी देर बाद तेज प्रताप यादव ने विवादित पोस्‍ट हटाते हुए कहा कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। तेज प्रताप इसके पहले बीत नौ जून को भी यह आरोप लगा चुके हैं कि राजद में उन्‍हें दरकिनार किया जा रहा है। हालांकि, उस वक्‍त मामला सुलझा लिया गया था।

फिर हुई डैमेज कंट्रोल की कवायद

सोमवार की घटना के बाद एक बार फिर तेज प्रताप को रास्‍ते पर लाने की मुहिम शुरू हुई। इसका असर गुरुवार को राजद के स्‍थाना दिवस समारोह में भी दिखा। तेज प्रताप व तेजस्‍वी सहित अनेक नेताओ ने कहा कि परिवार व पार्टी में कहीं कोई तनाव नहीं है। तेजस्‍वी ने तेज प्रताप के पैर छूकर आशीर्वाद लिया तो तेज प्रताप ने भी तेजस्‍वी को मुकुट पहनाया। 

तेज प्रताप बोले: वे सीनियर के सीनियर

लेकिन, तेज प्रताप यादव ने इस मौके पर अपनी बात तो रख ही दी। उन्‍होंने पार्टी में अपनी पूछ को लेकर स्‍पष्ट व खरी-खरी बातें कही। मंच पर बैठे नेताओं की और मुखातिब होते हुए उन्‍होंने कहा, ‘यहां पर बैठे लोग सीनियर मास्टर हैं लेकिन वो सबसे सीनियर मास्टर हैं।’

तेजस्‍वी जाएंगे दिल्‍ली, मैं संभालूंगा पार्टी

तेज प्रताप ने कहा कि तेजस्वी ने उनसे आग्रह किया था कि भैया कम भाषण देना क्योंकि उन्हें बोलना है। लेकिन, तेज प्रताप नहीं रूके। नेताओं की ओर मुखातिब होकर कहा,’ वो (तेजस्‍वी) दिल्ली जाएगा तब हम ना सम्भालेंगे यहां सब कुछ।’

विरोधियों को भी चेताया

तेज प्रताप पार्टी में विरोधियों को भी किनारे लगाना चाहते हैं। अपने संबोधन के दौरान उन्‍होंने फिर पार्टी के ऐसे ‘असामाजिक तत्‍वों’ को चेताया। कहा, कुछ लोग दोनों भाइयों के बीच लड़ाई लगाना चाहते हैं। लेकिन, वे कृष्ण हैं और तेजस्वी उनका अर्जुन। उन्होंने यह भी कहा कि कहा कि जब कृष्ण ने विराट रूप दिखाया तो अर्जुन कांप रहे थे। फिर धीरे से कहा- कुरुक्षेत्र में।

पार्टी व परिवार में महत्‍व चाहते तेज प्रताप

तेज प्रताप की बातों पर गौर करें तो एक बात स्‍पष्‍ट है। वे पार्टी व परिवार में महत्‍व चाहते हैं। वे राजद में अपने लिए बड़ी भूमिका चाहते हैं। और स्‍पष्‍ट करें तो वे तेजस्‍वी के किंग मेकर व गाइड के रूप में रहते हुए पार्टी पर पकड़ मजबूत करना चाहते हैं।

सवाल यह है कि क्‍या तेज प्रताप की पार्टी पर पकड़ कमजोर है? राजद नेता व विधायक भाई वीरेंद्र ऐसा नहीं मानते। खुद लालू प्रसाद यादव के घोषित उत्‍तराधिकारी तेजस्‍वी यादव भी कहते हैं कि तेज प्रताप का पार्टी में अहम स्‍थान है।

बात निकली है तो दूर तक जाएगी

हकीकत चाहे जो हो, बात निकली है तो दूर तक जाएगी ही। जदयू प्रवक्‍ता नीरज कुमार कहते हैं कि राजद में खींचतान व कलह के बीच दोनों भाइयों (तेजस्‍वी व तेज प्रताप) की जंग अब सतह पर है। राजग के कई अन्‍य नेता भी कहते हैं कि राजद में बड़े नेताओं का दरकिनार कर परिवारवाद थोप दिया गया है। परिवार में भी वर्चस्‍व की जंग शुरू है।

आगे आसान नहीं राह

सवाल यह भी है अब आगे क्‍या होगा? कह सकते हैं कि आगे की राह आसान नहीं है। चारा घोटाले में फंसने के बाद से लालू परिवार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लालू को कुछ मामलों में सजा हो चुकी है तो कुछ में सुनवाई जारी है। लालू इन दिनों कई बीमारियों से ग्रस्‍त होकर इलाज के लिए जमानत पर बाहर हैं। पार्टी में भी कई काम अटके हैं। संगठन विस्तार का काम भी अधूरा है।

उधर, रेलवे होटल टेंडर घोटाला और आय से अधिक संपत्ति मामले में तेजस्वी यादव समेत परिवार के कई सदस्यों पर जांच एजेंसियों की तलवार लटकी हुई है। ऐसे में लालू चाहते हैं कि पार्टी व परिवार में सद्भाव बरकरार रहे।

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