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मध्य प्रदेश में कमल को रोकने की कमान थामेंगे “कमलनाथ”

कमलनाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर आलाकमान ने बता दिया कि गांधी परिवार का भरोसा और संसदीय कार्यकाल का लंबा अनुभव रखने वाले कमलनाथ, मध्य प्रदेश के सारे कांग्रेसी नेताओं पर भारी पड़े. मध्य प्रदेश के इस चुनावी साल में लंबे वक्त से पार्टी अध्यक्ष को बदलने की कवायद जारी थी. पार्टी कार्यकर्ता से लेकर निवर्तमान अध्यक्ष अरुण यादव तक भ्रमित थे कि क्या होने जा रहा है? क्यों पार्टी आलाकमान किसी नियुक्ति में इतना वक्त लगा रहा है? मध्य प्रदेश में पार्टी की कमान किसे सौंपी जाए ये तय करना पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए आसान नहीं था.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस में हमेशा से नेताओं की भीड़ रही है. एक-दो नहीं कई नेता एमपी कांग्रेस की पहचान रहे हैं. कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सत्यव्रत चतुर्वेदी, अजय सिंह और अरुण यादव का नाम इनमें शूमार है. लेकिन धीरे-धीरे जब ये तय हो गया कि चुनाव कमलनाथ और सिंधिया के बीच ही होना है तो ये चयन आसान नहीं था. ज्योतिरादित्य सिंधिया जहां उम्र और उत्साह में सब पर भारी पड़ रहे थे तो वहीं कमलनाथ अपने संपर्क और संसाधन में किसी भी बड़े नेता के आगे दिख रहे थे.

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