उत्तराखंड

यमुनोत्री धाम में ऋषिगंगा के पास खतरनाक भुस्खलन जोन एक बार फिर से हुआ सक्रिय

यमुनोत्री धाम में ऋषिगंगा के पास पिछले दिनों हुआ खतरनाक भुस्खलन जोन एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक शनिवार शाम हुए भूस्खलन से यात्री बाल-बाल बचे। ग्रामीणों ने प्रशासन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई।

स्थानीय निवासी जयबीर सिंह ने बताया कि शनिवार की शाम को भुस्खलन जोन सक्रिय हो गया। हादसे में यात्री बाल-बाल बचे। ग्रामीणों ने प्रशासन और लोकनिर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यात्रा सुचारू होने लगी है। पिछले दो दिनों से 150 के लगभग यात्री भी पहुंचे हैं, लेकिन उन्हें जान जोखिम में डालकर यात्रा शुरू की गई है।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले यमुनोत्री धाम से साढ़े तीन किलोमीटर पहले ऋषि गंगा(भडेली गदेरे) के पास भारी भूस्खलन हुआ था। भूस्खलन से रास्ता बंद होने के साथ यात्री शेड भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ। इस भूस्खलन से पेयजल और बिजली की लाइन भी टूटी। इसके बाद उपजिलाधिकारी चतर सिंह चौहान, लोनिवि के अधिकारी और तीर्थ पुरोहित भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया था।

धरासू-यमनोत्री में भी हुआ था भूस्खलन 

27 सितंबर रविवार को धरासू-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर छटांगा धार में भी भूस्खलन से मार्ग बाधित हुआ था। सोमवार की सुबह राजमार्ग प्राधिकरण की बडकोट खंड की टीम ने हटाकर सुचारू कर दिया था। पर रुक-रुक कर गिर रहे पत्थरों के कारण बडकोट तहसील के मजिस्ट्रेट और उपजिलाधिकारी चतर सिंह चौहान ने इस भूस्खलन जोन से यातायात प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद यमुनोत्री धाम सहित यमुनोत्री घाटी के यातायात को पौंटी पुल, राजगढ़ी से संचालित किया।

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