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मुंबई अग्निकांड: संकट मोचक बनी 10 साल की लड़की ने गीले रूमाल से बचाई कई लोगों की जान

महानगर के परेल स्थित ‘क्रिस्टल टावर’ में बुधवार को भयानक आग लग गई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई जबकि 16 अन्य घायल हो गए। इमारत में सुबह करीब साढ़े आठ बजे 12वीं मंजिल पर आग लगी।

आग लगने की वजह शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। मृतकों में से दो की दम घुटने से जबकि दो की जलने से मौत हुई है। घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की 14 गाड़ियां तत्काल मौके पर पहुंच गईं। 

आग पर काबू पाने की कोशिश के साथ ही क्रेन के जरिए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। मुंबई फायर ब्रिगेड के चीफ पी. एस. रहांगजले ने बताया कि आग लगने के बाद धुआं तेजी से फैला जिससे इमारत में रहने वाले लोग सीढ़ियों पर ही फंस गए।
 
दूसरी ओर केईएम अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक, इमारत के 20 लोगों को अस्पताल लाया गया था जिसमें से चार की मौत हो गई। मृतकों में एक बुजुर्ग महिला और तीन पुरुष शामिल हैं।

संकट मोचक बनी लड़की ने सूझबूझ से बचाई कई लोगों की जान

इमारत में आग लगने के कारण मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता था लेकिन, छठी कक्षा में पढ़ने वाली एक लड़की ने अपनी सूझबूझ से कई लोगों की जान बचा ली। 

बताया जाता है कि 10 साल की जेन सदावर्ते सीढ़ी पर फंसे लोगों के लिए संकट मोचक बनकर आई। जेन ने बताया कि तीसरी कक्षा में उसे फायर सेफ्टी टिप्स बताए गए थे उसको याद थे। उसने इसी टिप्स को ध्यान में रखकर लोगों से गीली रूमाल मुंह पर रखकर सांस लेने के लिए कहा। 

जेन ने बताया कि जब आग लगी तब वह सो रही थी। धुआं उठने पर उसकी मां ने उसे जगाया। इमारत में लगी भीषण आग के चलते चारो ओर धुआं और गैस फैल रही थी। इससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। उसके पिता सुरक्षित ठिकाने के लिए किचन की तरफ गए। जबकि कुछ लोग अपने फ्लैट की गैलरी में आ गए। 

जेन ने बताया कि उसने खुद पर नियंत्रण पाते हुए सभी लोगों से कहा कि वे गीली रूमाल अपने मुंह पर रखकर सांस लें। इससे कई लोगों ने धुएं से खुद पर नियंत्रण पाया और तब तक क्रेन के जरिए उन्हें इमारत के बाहर निकाल लिया गया जिससे उनकी जान बच सकी।

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