उत्तर प्रदेशप्रदेश

रिटायर्ड दरोगा हत्याकांड में 24 घंटे बाद ही चार को मिली जमानत, डंडों से पीट-पीटकर मार डाला था

इलाहाबाद के जिला न्यायालय ने रिटायर्ड दरोगा अब्दुल समद की पीट पीट कर की गई हत्या के मामले में आरोपी मो. राजिक, सानाह रुखसाना मेंहदी उर्फ अनमता और हिना की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। इन पर जमानतीय अपराध का आरोप है। यह आदेश सीजेएम ने दिया है।

अभियोजन के अनुसार शिवकुटी थाना क्षेत्र में रिटायर्ड दरोगा अब्दुल समद खान की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में बुधवार को शिवकुटी पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जिनमें से मो. राजिक, सनाह रुखसाना, मेंहदी और हिना पर जमानतीय अपराध था। बचाव पक्ष की ओर से दी गई अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने बीस बीस हजार की दो जमानतें दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है। हत्या के अन्य तीन आरोपी इब्ने साउद, युसूफ कमाल और शेबू कमाल को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया है।

अभियुक्तों की जमानत का कड़ा विरोध करे सरकार: हाईकोर्ट

शिवकुटी में सोमवार को रिटायर्ड दरोगा की बीच सड़क पीटपीट कर हत्या कर देने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार सभी अभियुक्तों की जमानत का कड़ा विरोध करे ताकि वह जेल से छूटने न पाएं। कोर्ट का कहना था कि अमूमन गंभीर अपराधों में सरकार की ओर से अभियुक्तों की जमानत का कड़ा विरोध नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से वह जमानत पर छूट जाते हैं।

कोर्ट को बताया गया कि हत्याकांड के सातों नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस पर मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने टिप्पणी की कि यदि जमानत का विरोध नहीं होगा तो यह सभी छूट जाएंगे। कोर्ट ने गैंग रेप और हत्या जैसे अपराधों में अभियोजन को कड़ा विरोध करने की नसीहत दी। कहा कि कम से कम विवेचना पूरी होने तक अभियुक्तों को जमानत पर रिहा नहीं होना चाहिए। पूरे प्रकरण पर 24 सितंबर को जानकारी मांगी है।

अदालत ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से पूछा कि मुख्य आरोपी अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है। अपर महाधिवक्ता ने बताया कि सभी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। घटना की जांच जारी है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को हाईकोर्ट ने इस घटना की मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी थी। बुधवार को इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करते हुए सुनवाई प्रारंभ कर दी। अदालत का कहना था कि घटना की सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद अभियुक्तों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया

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