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मदर टेरेसाः जब केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से कहा था- ‘उन्हें तो बख्श दो’

दिन-रात गरीबों और पीड़ितों की सेवा करने वाली भारत रत्न और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा की आज यानी 5 सितंबर को पुण्यतिथि है। उनका निधन 5 सितंबर 1997 को हुआ था। इस उपलक्ष्य में आज कोलकाता स्थित ‘मदर हाउस’ में विशेष प्रार्थना भी आयोजित की गई है।

अपने जीते जी हमेशा बेसहारों का सहारा बनीं मदर टेरेसा की मृत्यु के बाद एक बार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उनकी आलोचना की थी, जिसके बाद सियासत गर्मा गयी थी। तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक ने मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा था कि कम से कम मदर टेरेसा को तो बख्श दो।

दरअसल घर वापसी जैसे मुद्दे पर दूसरों को नसीहत देने वाले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मदर टेरेसा को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने मदर टेरेसा पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया था। हालांकि भागवत के इस बयान के बाद इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई।

तब सरसंघचालक मोहन भागवत के इस बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधते हुए ट्वीट किया था कि मदर टेरेसा पवित्र आत्मा थी। उन्हें ऐसे विवादों से अलग रखना चाहिए।

केजरीवाल ने अपने ट्वीट में ये भी लिखा था कि मैंने मदर टेरेसा के साथ उनके कोलकाता स्थित निर्मल हृदय आश्रम में काम किया है। वो पवित्र आत्मा हैं। उन्हें छोड़ देना चाहिए।

मदर के साथ बिताए दो महीनों ने केजरीवाल को पूरी तरह से बदल दिया

केजरीवाल ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि अपना सिविल सर्विसेज की मेन्स परीक्षा देने के तुरंत बाद ही वो कोलकाता मदर टेरेसा से मिलने चले गए थे।

उन्होंने कहा कि वह मदर टेरेसा के बहुत बड़े फैन रहे हैं। अरविंद ने मदर को बताया कि वो उनके साथ काम करना चाहते हैं। तब मदर ने उनका हाथ थामा और कहा कि कालीघाट जाकर काम करो। केजरीवाल ने मदर टेरेसा के साथ दो महीने तक काम किया।

उस दौरान की यादों में जाते हुए अरविंद ने बताया कि कोलकाता की सड़कों, फुटपाथ और गलियों, कॉलोनियों में गरीबों को देखने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि सच्ची सेवा क्या है। ये दो महीने केजरीवाल के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण महीने थे जिसने उन्हें पूरी तरह बदल दिया।

मदर टेरेसा पर मोहन भागवत का विवादित बयान

आरएसएस प्रमुख ने फरवरी 2015 को राजस्थान में ईसाई धर्म पर विवादित बोल बोलते हुए ये टिप्पणी की थी। भागवत ने कहा था कि रोमन कैथलिक चर्च, सेवा की आड़ में धर्म परिवर्तन करा रहे हैं।

भागवत ने नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा को लेकर भी टिप्पणी की थी। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि उनके यहां सेवा अच्छी होती होगी, लेकिन वहां भी इसके पीछे एक उद्देश्य रहता था कि जिसकी सेवा हो रही है, वह इसाई धर्म ग्रहण कर ले।

निराश्रित बच्चों के लिए भरतपुर में संचालित एक संस्था अपना घर के नए भवन के लोकार्पण समारोह में भागवत ने कहा कि सेवा के नाम पर नए तरह का षडयंत्र सामने आ रहा है। देश के अपने लोग अपनों की सेवा नहीं कर रहे, इसलिए बाहर के लोग यहां आकर सेवा कर रहे हैं।

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