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देश में ब्‍लैक फंगस के मामलो में आई तेजी जिसको देखते हुए प्रियंका गांधी ने जताई चिंता

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्‍लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश के ज्‍यादातर राज्‍यों में ब्‍लैक फंगस के मरीज देखने को मिल रहे हैं. वहीं ब्‍लैक फंगस की दवा न मिलने के कारण कई मरीजों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है.

ब्‍लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्‍यान इस ओर खींचने की कोशिश की है. प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर कहा है कि ब्लैक फंगस (म्यूकोर माइकोसिस) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

प्रियंका गांधी ने लिखा इस गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाला लाइपोसोमाल अम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन नहीं मिल रहा है. बड़ी संख्या में लोग इस दवा के लिए गुहार लगा रहे हैं.

हाल ही में इंदौर की एक बच्ची का उसके पिता के लिए इंजेक्शन उपलब्ध कराने की गुहार वाला वीडियो देखकर सबको बहुत दुख हुआ. अभी दिल्ली में सेना के दो अस्पतालों में भर्ती सैनिकों को ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इस इंजेक्शन की कमी की खबर आई.

समय की मांग है कि इस संबंध में आप त्वरित निर्णय लें, जिससे लोगों की जान बचाई जा सके. इस बीमारी को लेकर आपकी सरकार का रवैया इसकी गंभीरता के अनुरूप नहीं रहा है. मरीजों की संख्या के हिसाब से राज्यों को उपलब्ध कराए गए, इंजेक्शन की संख्या बेहद कम है.

देशभर में 22 मई तक इस फंगल बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या 8848 बताई गई थी. इसके बाद 25 मई को मरीजों की संख्या बढ़कर 11,717 हो गई. सिर्फ तीन दिन में ही 2869 मरीज बढ़ गए.

म्यूकोर माइकोसिस जैसी बीमारी जिसमें 50 फीसदी तक मृत्यु दर होती है. इसको लेकर लापरवाही नहीं की जा सकती. ब्लैक फंगस के इलाज में इंजेक्शन पर ही लाखों रुपये का खर्च आ रहा है.

यह इंजेक्शन अभी आयुष्मान योजना के तहत भी कवर नहीं हो रहा है. मेरा आपसे आग्रह है कि इस बीमारी के इलाज को आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाए या इसके इंजेक्शन की आपूर्ति मरीजों को निशुल्क कराई जाए.

क्या कारण है कि 25 मई के बाद से केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या नहीं बताई है. जबकि केंद्र सरकार राज्यों को कितने इंजेक्शन भेज रही है इसकी सूचना लगातार सार्वजनिक कर रही है.

जब कोरोना मरीजों की संख्या बताई जा रही है तो ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या क्यों नहीं बताई जा रही है? महोदय, जानकारी से जागरूकता फैलती है और लोग सचेत हो जाते हैं.

इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या की जानकारी लोगों को हर रोज उपलब्ध कराई जाए. सरकार मरीजों की बढ़ती संख्या के आधार पर इस इंजेक्शन का उत्पादन और उपलब्धता बढ़ाये ताकि इस गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को भटकना न पड़े.

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