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उत्तराखंड में शाम 6 बजे से 12 घंटों तक कर्फ्यू लगाने का फरमान किया जारी

उत्तराखंड में वन्यजीवों का खौफ बढ़ गया है . दो दिन पहले ही चमोली में एक खूंखार भालू को वन विभाग ने गोली मारी थी. अब पिथौरागढ़ में शहर और उससे सटे इलाकों में लेपर्ड का आंतक है.

हालत ये है कि प्रशासन को नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा. गुलदार के आतंक से लोगों की सुरक्षा के मद्देनज़र प्रशासन ने शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है. पिथौरागढ़ ही नहीं कई पहाड़ी ज़िलों में भी गुलदार का आतंक इस साल ज्यादा है.

पिथौरागढ़ में कुछ साल से बरसात में लेपर्ड का खौफ लगातार बढ़ रहा है. इस साल आदमखोर हो चुके गुलदारों ने 13 लोगों की जान ले ली है. दर्जनों लोग गुलदार के हमलों में घायल हो चुके हैं अब गुलदार मुख्यालय और उससे सटे इलाकों में भी नज़र आ रहे हैं.

कुछ रोज़ पहले ही शहरी क्षेत्र बजेटी में एक गुलदार ने 7 साल की बच्ची को अपना निवाला बनाया था. इसके बाद प्रशासन को लोगों के गुस्से का सामना भी करना पड़ा था. लाचार प्रशासनिक तंत्र ने अब नाइट कर्फ्यू का तरीका अपनाया है.

उप ज़िला मजिस्ट्रेट नंदन कुमार ने पौंण, पपदेव, जीआईसी रोड, रई और चंडाक में शाम 6 बजे से 12 घंटों तक कर्फ्यू लगाने का फरमान जारी किया. आदेश का पालन नहीं करने पर उचित कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए.

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ऐसा पहली बार हुआ है कि गुलदार से बचने के लिए कर्फ्यू की मदद लेनी पड़ी हो. इधर, प्रशासन के इस कदम की आलोचना भी शुरू हो गई है.

कांग्रेस के प्रदेश मीडिया कॉर्डिनेटर मुकेश पंत का कहना है कि बीते कुछ सालों में वन विभाग कोई तरीका ईजाद नहीं कर पाया. प्रभावित इलाकों में गश्त बढ़ाने के बजाए सरकारी तंत्र उल्टे लोगों को घरों में कैद कर रहा है.

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