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मालवा-महाकौशल क्षेत्र के लोग भी कर सकेंगे बुलेट ट्रेन की सवारी

देश के पहली बुलेट टे्रन प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद पर काम जारी है। इसी बीच, राष्ट्रीय रेल योजना में नागपुर से वाराणसी तक बुलेट ट्रेन के लिए हाई स्पीड रेल कॉरिडोर डेवलप किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। यह कॉरिडोर मुंबई-नासिक-नागपुर एचएचआर को बढ़ाकर किया जाएगा। आसान भाषा में कहा जाए तो नागपुर-वाराणसी के बीच भी बुलेट ट्रेन चलाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इसका रूट अभी फाइलन नहीं हुआ है। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि नागपुर से बालाघाअ-जबलपुर-कटनी से होकर ओबरा, मिर्जापुर होते हुए वाराणसी तक जाएगी। कुल मिलाकर मध्य प्रदेश के विंध्य और महाकौशल क्षेत्र के लोगों को बुलेट ट्रेन में सवारी करने का मौका मिल सकता है। मालवा क्षेत्र के लोग दो बुलेट ट्रेन में सवारी का लुत्फ  आने वाले समय में उठा सकेंगे। दरअसल, इंदौर-उज्जैन-रतलाम समेत पूरे मालवा क्षेत्र से राजस्थान और गुजरात प्रदेश की सीमा जुड़ती है। गुजरात में मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर काम चल रहा है। जबकि दिल्ली-अहमदाबाद, राजस्थान के सात जिलों जयपुर-अलवर, उदयपुर-अजमेर, चित्तौडगढ़़, डूंगरपुर और भीलवाड़ा से गुजरेंगी। राजस्थान में बहरोड़, शाहजहांपुर, जयपुर, अजमेर, विजयनगर, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़़, उदयपुर और डूंगरपुर में स्टेशनों का निर्माण प्रस्तावित है। मालवा क्षेत्र के लोग भविष्य में जब यह प्रोजेक्ट बनकर तैयार होगा, तो बुलेट ट्रेन का लुत्फ जरूर उठा सकेंगे। बात मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की करें तो इस पर तेजी से काम चल रहा है। 508 किमी लंबा इस प्रोजेक्ट में 352 किलोमीटर हिस्सा गुजरात राज्य (348 किलोमीटर) और दादर और नगर हवेली (चार किलोमीटर) में और शेष 156 किलोमीटर महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। रेल मंत्रालय ने हाल ही में अपने एक ट्वीट में इस रूट पर चलने वाली बुलेट टे्रन के कार्यों का ब्यौरा दिया था। इसस प्रोजेक्ट के तहत पैकेज सी-चार के अंतर्गत वापी-सूरत-वडोदरा के बीच पीलर्स बनने शुरु हो गए हैं। हाई स्पीड रेल नेटवर्क का काम तेजी से पूरा हो सके, उसके वायडक्ट के निर्माण में तेजी लाने के लिए, सबस्ट्रर और सुपरस्ट्रर बनाने का काम भी साथ ही साथ किया जा रहा है। सुपरस्ट्रर के लिए फुल सपैन गार्डर्स और सेंगलमेंटल गार्डर्स को कास्ट करने के लिए 23 कास्टिंग वार्ड बनाए जाएंगे। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉपरपोरेशन लिमिटेड के मुताबिक साल 2026 में सबसे पहले सूरत से बिलिमेरा के बीच बने सेक्शन पर बुलेट ट्रेन का ट्रायल शुरु किया जाएगा। यह सेक्शन 63 किमी का है जिस पर पहली बार ट्रायल शुरु होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे तेजी से काम सूरत-नवसारी-वापी के बीच किया जा रहा है। सूरत में 80 पिलर की बुनियाद बना ली गई है। गुजरात के दादरा और नगर हवेली में निर्माण कार्य प्रगति पर हैं, कॉरिडोर के लिए इन स्थानों पर क्रमश: 98 प्रतिशत और 100 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। महाराष्ट्र में अब तक 44 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। दरअसल, महाराष्ट्र में किसी भी प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण बड़ा ही जटिल काम है। इससे पहले डेडिकेट फेट कॉरिडोर में भी यही हालत थी। रेलवे मंत्रालय के प्रस्तावित आठ कॉरिडोर में पहला मुंबई-सूरत-बडोदरा-अहमदाबाद है। दूसरा, दिल्ली-नोएडा-आगरा-कानपुर-लखनऊ और वाराणसी है। तीसरा, दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद है। चौथा, मुंबई-नासिक-नागपुर, पांचवां, मुंबई-पुणे-हैदराबाद, छठवां, चेन्नई-बेंगलोर-मैसूर है। इसके अलावा सातवां कॉरिडोर दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-जालंधर-अमृतसर और आठवां वाराणसी-पटना-हावड़ा शामिल है।

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