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कमिश्नर सिस्टम का असर : नए सिरे से तैयार की जा रही है गुंडे, बदमाश और तस्करों की जन्म कुंडली

राजधानी में कमिश्नर सिस्टम लागू हुए एक माह पूरा हो चुका है। शहर पुलिस पहले से अधिक चुस्त नजर आने लगी है, सड़कों से लेकर गली कूचों और तस्करों की नए सिरे से जन्मकुंडली तैयार कर रही है। अपराधियों के घर-घर पहुचंकर पुलिस जवान उनके नए फोटो, वर्तमान कार्य से लेकर नए मोबाइल नंबर लेने का काम कर रहे हैं। शराब और मादक तस्करों से बांड भरवाने के काम किए जा रहे हैं। जेल रिहाई वाले बदमाशों की कड़की निगरानी की जा रही है। आलम यह है कि पुलिस के खौफ से दर्जनों बदमाश शहर छोड़कर भाग चुके हैं। वहीं कुछ बदमाश अपने काले कारोबारों को छोड़कर मेहतन मजदूरी कर परिवार पाल रहे हैं। बता दें कि सालों से थानों में पुराने बदामशों के फोटो नहीं बदले गए थे। कई अपराधियों के फोटो तो इतने पुराने हैं कि बदमाश अब पूरी तरह से बदले हुए दिखाई देने लगे हैं। जिसे देखते हुए पिछले दिनों पुलिस कमिश्नर मारकंद देउस्कर ने अपराधियों की जन्मकुंडली नए सिरे से तैयार करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से पुलिस इस काम में लगी है। वहीं आदतन अपराधियों को बाउंड ओवर करने की कार्रवाई भी तेजी से की जा रही है। सीपी साफ कर चुके हैं कि उन्हें अधिकांश पुलिस बल थानों में सड़कों पर चाहिए, जिससे आमजनों में सुरक्षा का भय बना रहे। इधर पुलिस की सक्रियता देखने के बाद में कई बदमाश शहर छोडऩे को मजबूर हो गए हैं। जां यहां हैं वह अपने कारोबार बदल रहे हैं। पुलिस के खौफ से करीब 86 से अधिक केसों में मुल्जिम रईस लल्लू ऑटो चलाकर जीवन यापन कर रहा है। अपने समय में रायसेन और भोपाल का कुख्यात अपराधी रहा आसिफ उर्फ मामू मछली बेचने का कारोबार कर रहा है। आसिफ बदमाश मुख्तार मलिक का करीबी साथी रहा है। आधा सैंकड़ा से अधिक अपराधों में शामिल रहा कुख्यात अपराधी शदाब उर्फ चंबल इन दिनों बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई का काम कर रहा है। अशोका गार्डन थाने क निगरानी बदमाश दीपक ठाकुर अपराधों से तौबा कर प्रापर्टी डीलिंग का काम कर रहा है। दीपक शहर के सबसे पढ़े लिखे बदमाशों में माना जाता है। बदमाश उमेश भदौरिया लंबे समय से अपराधों की दुनिया से दूर है और स्वयं का कारोबार कर रहा है। स्टेशन का कुख्यात अपराधी शोएब अन्ना पूल गेम चलाकर गुजारा कर रहा है। बीते इन 32 दिनों में कमिश्नर सिस्टम के तहत महिला अपराधों में इजाफा हुआ है। नाबालिग बच्चियों को अगवा किए जाने की वारदातें 21 प्रतिशत तक बढ़ी हैं, जबकि ज्यादती के मामलों में 13 प्रतिशत का इजाफा हुआ। अला अधिकारी महिला अपराधों पर नकेल कसने पर भी मंथन कर रहे हैं।

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