Main Slideउत्तर प्रदेशखबर 50देशप्रदेशबड़ी खबर

आबकारी नीति वर्ष 2023-24 मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित45 हजार करोड़ रुपये राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य

आबकारी नीति वर्ष 2023-24 को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव आबकारी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि मदिरापान को जिम्मेदार एवं सुरक्षित सीमा में रखे जाने, लिकर माफियाओं के प्रभुत्व को समाप्त करते हुये दुकानों के आवंटन में पूर्ण पारदर्शिता तथा निष्पक्षता लाने, आवंटन प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप समाप्त किये जाने, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस एवं गुड गवर्नेन्स को बढ़ावा देने, धनराशि का अंतरण डिजिटल माध्यम से कराये जाने, अवैध मंदिरा के निर्माण/विक्रय पर पूर्ण नियंत्रण किये जाने, राजस्व क्षति एवं चोरी को रोकते हुये विकासोन्मुख सरकारी परियोजनाओं के पर्याप्त वित्तपोषण हेतु अधिकतम राजस्व अर्जित किये जाने, उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त मदिरा की उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने और मदिरा व्यवसाय को स्थायित्व प्रदान करने आदि उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वर्ष 2023-24 की आबकारी नीति तैयार की गयी है।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि अनुमोदित आबकारी नीति का शासनादेश शीघ्र ही ेेंदंकमेण्नचण्हवअण्पद पर अपलोड कर दिया जायेगा। आबकारी नीति वर्ष 2023-24 में तीव्रता के आधार पर देशी मदिरा की मात्र 2 श्रेणियों रखी गयी हैं। यह तीव्रतायें 36 प्रतिशत वी./वी. और 25 प्रतिशत वी./वी. होंगी। देशी मदिरा की बिक्री 200 एम.एल. धारिता की कॉच और पेट की बोतलों तथा टेट्रा पैक में की जायेगी। दोनों श्रेणियों की देशी मदिरा में सादा, सुवासित और मसाला तीन प्रकार की देशी मदिरा होगी। 42.8 प्रतिशत वी./वी. तीव्रता में ग्रेन ई.एन.ए. से निर्मित यू.पी. मेड लिकर (यू.पी.एम.एल.) की बिक्री भी वर्ष 2023-24 में भी अनुमन्य होगी। यू.पी.एम.एल. में भी सादा, सुवासित और मसाला तीन प्रकार होंगे। देशी मदिरा दुकानों के वार्षिक कोटे (एम.जी.क्यू.) में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। भारत निर्मित विदेशी मदिरा और समुद्रपार आयातित मदिरा के मूल्य निर्धारण में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। बीयर के मूल्य निर्धारण हेतु ई.बी.पी. के स्लैबों में परिवर्तन किया गया है और नये सूत्र निर्धारित किये गये हैं।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अब तक देशी मदिरा और यू.पी.एम.एल. का मूल्य एक समान दर से निर्धारित होता था। वर्ष 2023-24 में देशी मदिरा एवं यू.पी.एम.एल. के मूल्यों का निर्धारण आसवनियों द्वारा उनके लागत के अनुसार प्रस्तुत ई.डी.पी. के आधार पर गणितीय सूत्रों के माध्यम से किया जायेगा। मूल्यों पर नियंत्रण रखने हेतु प्रत्येक श्रेणी में ई.डी.पी. की एक उच्चतम सीमा रखी गयी है। इस व्यवस्था से उत्पादक आसवनियों में स्वस्थ स्पर्धा उत्पन्न होगी और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर गुणवत्ता पूर्ण देशी मदिरा उपलब्ध होगी। देशी मदिरा में फुटकर मार्जिन में वृद्धि की गयी है और यू.पी.एम.एल. में थोक मार्जिन एवं फुटकर मार्जिन दोनों में वृद्धि की गयी है। देशी मदिरा, विदेशी मदिरा, बीयर, भांग की फुटकर बिक्री की दुकानों और माडल शाप्स की लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत वृद्धि की गयी है। प्रीमियम रिटेल वेण्ड अनुज्ञापनों की लाइसेंस फीस रूपया पच्चीस लाख प्रतिवर्ष निर्धारित की गयी है।
अनुमोदित आबकारी नीति के अनुसार गौतमबुद्धनगर के प्राधिकरण क्षेत्र, लखनऊ एवं गाजियाबाद के नगर निगम क्षेत्र एवं इसकी परिधि से 5 कि.मी. तक में स्थित होटल/रेस्टोरेन्ट एवं क्लब बार अनुज्ञापनों हेतु एक विशेष श्रेणी बनायी गयी है। विशेष श्रेणी के क्षेत्रों में स्थित बार अनुज्ञापनों की लाइसेंस फीस में वृद्धि की गयी है। अन्य श्रेणी के बार अनुज्ञापनों की लाइसेंस फीस में कोई वृद्धि नहीं की जा रही है। समुद्रपार आयातित मदिरा के प्रदेश में व्यवसाय को पारदर्शी और सुगम बनाया गया है। समुद्रपार आयातित मदिरा के ब्राण्डों एवं लेबिलों का अनुमोदन/पंजीकरण अनुज्ञापन वार कराया जाना अनिवार्य होगा। इस हेतु ब्राण्ड स्वामी अथवा भारत में संबंधित ब्राण्ड के प्रमुख आयातक का प्राधिकार पत्र अनिवार्य नहीं होगा। फुटकर दुकानों की वर्तमान संख्या के 02 प्रतिशत तक के समतुल्य प्रत्येक श्रेणी में दुकानों के सृजन का अधिकार आबकारी आयुक्त, उ.प्र. को दिया गया है।
समस्त फुटकर दुकानों और माडल शॉप का व्यवस्थापन नवीनीकरण, ई-लाटरी और ई-टेण्डर के माध्यम से किया जायेगा। आवेदन पत्र की प्रासेसिंग फीस और नवीनीकरण फीस में वृद्धि की गयी है। वर्ष 2022-23 में विदेशी मदिरा, बीयर की दुकानों, प्रीमियम रिटेल वेण्ड एवं माडलशॉप पर ली गयी निकासी में सन्निहित वार्षिक राजस्व में वर्ष 2023-24 हेतु 05 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। उपरोक्तानुसार निर्धारित वार्षिक राजस्व के आधार पर वर्ष के माहों का मासिक राजस्व निर्धारित होगा। वर्ष 2023-24 में प्रीमियम रिटेल वेण्ड पर भी मासिक राजस्व के उठान की अनिवार्यता की गयी है। थोक अनुज्ञापनों का भी वर्ष 2023-24 हेतु नवीनीकरण किया जायेगा।
बीयर के थोक अनुज्ञापनों (एफ.एल. 2बी) पर वाइन की बिक्री भी अनुमन्य की गयी है। विदेशी मदिरा के थोक अनुज्ञापनों (एफ.एल. 2. अनुज्ञापनों पर एल.ए.बी. की बिक्री भी अनुमन्य की गयी है। ब्राण्ड पंजीकरण एवं लेबुल अनुमोदन फीस में वृद्धि नहीं की गयी है। ब्राण्ड लेबिल का नवीनीकरण एवं एम.आर.पी. का अनुमोदन माह जुलाई, 2023 तक ही सामान्यतः होगा । माह जुलाई के पश्चात नवीनीकरण कराये जाने की स्थिति में दो गुना नवीनीकरण फीस ली जायेगी। ऐसे ब्राण्ड लेबिल जिनका नवीनीकरण माह जुलाई 2023 तक नहीं कराया गया होगा, उनका नये ब्राण्ड-लेबिल के रूप में पंजीकरण वर्ष 2023-24 में अनुमन्य नहीं होगा।

Related Articles

Back to top button