उत्तराखंड

अंतिम पग भरते ही 347 नौजवान बने भारतीय सेना के अफसर

भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम। आइएमए गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पहुंचे, तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरे शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 347 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 80 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। 

भारतीय उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज एन्बु ने परेड की सलामी ली। इस मौके पर उन्होंने नव सैन्य अधिकारियों से परम्परागत और गैर परम्परागत चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। सुबह 08 बजकर 55  मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। कंपनी सार्जेट मेजर अरविंद, मनीष कुमार, हितेष चंदा, संजय पंत, ठाकुर हर्षवर्धन, अहंतम, राहुल सिंह व बृजेश पाल सिंह ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। 

एडवास कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते कैडेट गुरवीर सिंह तलवार के नेतृत्व में परेड के लिए पहुंचे। परेड कमांडर अर्जुन ठाकुर ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली।कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिए उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी।

इस मौके पर उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज एन्बु ने कैडेटों को संबोधित करते कहा कि आज 24 घंटे इन्फार्मेशन वारफेयर चल रहा है। यह आपकी सोच, मूल प्रकृति व मूल्यों को प्रभावित करने का प्रयास करेगी। आप इस चुनौती का दृढता से सामना करें और इस मंशा को कामयाब न होने दें।

उन्होंने कहा की वर्तमान दौर में युद्ध तकनीक का तेजी से विकास हुआ है। पर उपकरण के पीछे रहने वाले व्यक्ति का महत्व फिर भी बना रहेगा। 1971 युद्ध की बात करते कहा कि यह भारतीय सेना के युद्ध कौशल और रणनीति का एक बेहतरीन उदाहरण है। भारत के सैन्य इतिहास में दर्ज ऐसे कई स्वर्णिम अध्याय भावी अफसरों को प्रेरणा देते रहेंगे। देश की सुरक्षा और सम्मान अब आपके कंधों पर है।उप सेना प्रमुख ने एक अफसर और जवानों के बीच रिश्ते की अहमियत भी समझाई।

इस दौरान कमाडेंट ले जनरल एसके झा, डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल जेएस नेहरा सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी व सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद रहे।

इन्हें दिए गए पदक 

उप सेना प्रमुख ने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफारमेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। अर्जुन ठाकुर को स्वार्ड ऑफ ऑनर व स्वर्ण पदक प्रदान किये गए। रजत पदक गुरवीर सिंह तलवार को दिया गया। जबकि, हर्ष बंसीवाल ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। कांस्य पदक गुरवंश सिंह गोसाल को मिला।सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट बिशाल चंद्र वाजी चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर सैंगरो कंपनी को मिला। 

रखी गई नई परंपरा की नींव 

आइएमए में इस बार एक नयी परंपरा की नींव रखी गई है। परेड की शुरुआत कुछ बदलाव के बीच हुई। यह पहली बार था जब अकादमी के असिस्टेंट एडजुटेंट मेजर अंगद सिंह व ड्रिल इंस्ट्रक्टर सूबेदार मेजर सुल्तान सिंह शेखावत भी परेड कमांडर के साथ ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे। 

इसके अलावा परेड स्थल पर पूर्व अधिकारियों का भी सम्मानस्वरूप स्वागत किया गया। इनमें अकादमी के पूर्व कमान्डेंट ले जनरल केके खन्ना, ले जनरल गंभीर सिंह नेगी और पूर्व एडजुटेंट मेजर जनरल राजेंद्र सिंह व कर्नल राकेश नायर शामिल थे।

राज्यवार आंकड़ा 

प्रदेश—————कैडेट 

उत्तरप्रदेश———-53

हरियाणा————51

बिहार—————36

उत्तराखंड———-26

दिल्ली————–25

महाराष्ट्र———–20

हिमाचल प्रदेश—-15

पंजाब————–14

राजस्थान———-12

जम्मू-कश्मीर——12

मध्य-प्रदेश———10

पश्चिम बंगाल—–08

कर्नाटक————08

केरल—————-08

झारखंड————-06

तेलंगाना————05

उड़ीसा—————05

मणिपुर————-03

तमिलनाडु———-05

आंध्र प्रदेश———04

चंडीगढ़————-04

गुजरात————-04

छत्तीसगढ़———02

त्रिपुरा—————02

पुदुच्चेरी————01

मिजोरम————01

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