उत्तराखंड

अब यूरोपियन पर्यटकों को लुभाएगा पर्यटन विभाग, जानिए कैसे

उत्तराखंड के नैसर्गिक सौंदर्य के साथ ही योग और अध्यात्म भारत ही नहीं देश-विदेश में भी अपनी पहचान बना रहा है। इस कारण धीरे-धीरे देश-विदेश के पर्यटकों का रुख उत्तराखंड की ओर होने लगा है। विदेशी पर्यटकों के रुझान को देखते हुए पर्यटन विभाग अब अपना फोकस यूरोपियन पर्यटकों पर कर रहा है। इसके लिए इस वर्ष विभाग की योजना जर्मनी, इंग्लैंड और रूस में उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्रों का प्रचार-प्रसार करने की है।

देवभूमि उत्तराखंड पहले से ही भारतीय पर्यटकों के लिए श्रद्धा का केंद्र रहा है। बीते कुछ वर्षो से यहां अब आध्यात्म, योग व पर्यटन के लिए आने वाले विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। देखा जाए तो उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य हमेशा से ही सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहा है।

अपने देश की तरह ठंडे मौसम और खूबसूरती के कारण ब्रिटिश हुकूमत ने मसूरी, नैनीताल, रानीखेत और लैंसडौन जैसे इलाकों में ज्यादा रुचि ली। यही कारण भी है कि विदेशी पर्यटक इन पर्यटन स्थलों की ओर रुख करते हैं। बीते कुछ वर्षो से विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। वर्ष 2016 में 1.12 लाख से अधिक सैलानी उत्तराखंड आए थे। वर्ष 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 1.42 लाख सैलानियों तक पहुंचा। वर्ष 2018 के आंकड़े अभी पूरी तरह तैयार नहीं हो पाए हैं लेकिन एक अनुमान के मुताबिक इस बार 1.60 लाख से अधिक विदेशी सैलानी उत्तराखंड पहुंचे हैं। अधिकांश की पसंद, देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल और पौड़ी रही है।

विदेशी पर्यटकों के प्रदेश की ओर बढ़ते रुझान को देखते हुए पर्यटन विभाग अब प्रदेश के पर्यटन क्षेत्रों का प्रचार प्रसार विदेशों में भी कर रहा है। इस बार विभाग का फोकस यूरोप है। विभाग का मानना है कि यूरोपीय पर्यटक कम बजट पर देश विदेश घूमते हैं। ऐसे में महंगे देशों की बजाय वह अन्य देशों को तरजीह देते हैं। यदि व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए तो अधिक पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित किया जा सकता है।

इसके लिए विभाग ने जर्मनी के बर्लिन में मार्च में प्रस्तावित इंटनेशनल टूरिज्म बर्लिन व्यापार मेले के साथ ही व‌र्ल्ड ट्रेवल मीट लंदन और मास्को फेयर रूस में शिरकत करने की योजना बनाई है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना है कि विभाग का फोकस यूरोपीय देशों में है। यहां के पर्यटकों के लिए उत्तराखंड खासा मुफीद हो सकता है। इसके लिए प्रदेश के होटल व्यवसायियों के साथ इन व्यापार मेलों में जाने की योजना है।

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