जम्मू कश्मीर

केबल कार प्रोजेक्ट तैयार, प्रधानमंत्री के दौरे का इंतजार

 पर्यटकों को जम्मू में लुभाने के लिए बहुप्रतिक्षित केबल कार प्रोजेक्ट के दोनों चरणों का कार्य पूरा हो गया है। फाइनल जांच कमेटी ने भी इसकी समीक्षा कर ली है। अब यह प्रोजेक्ट उद्घाटन के लिए तैयार है और जम्मू-कश्मीर केबल कार कारपोरेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसका उद्घटन करवाने जा रही है। ऐसे में तीन फरवरी को मोदी के जम्मू दौरे के दौरान यह प्रोजेक्ट भी जनता को समर्पित होगा।

इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में पीरखोह से महामाया मंदिर तक और दूसरे चरण में महामाया मंदिर से बाहूफोर्ट तक। महामाया से बाहूफोर्ट तक रोप-वे का ट्रायल मार्च महीने में ही पूरा हो गया था और पीरखोह से महामाया तक का ट्रायल पिछले करीब एक महीने से जारी था जो अब पूरा हो गया है। पहले ऐसी योजना थी कि प्रोजेक्ट पूरा होने पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक इसका उद्घाटन करेंगे लेकिन अब चूंकि प्रधानमंत्री का जम्मू दौरा लगभग तय है, ऐसे में प्रधानमंत्री के हाथों ही इसका उद्घाटन कराने का फैसला लिया गया है। कारपोरेशन के अधिकारी हालांकि अधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं लेकिन सूत्रों के अनुसार पहले ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि प्रधानमंत्री पन्द्रह जनवरी को जम्मू दौरे पर आएंगे, लिहाजा कारपोरेशन को पन्द्रह जनवरी तक प्रोजेक्ट पूरा करने के निर्देश मिले थे। इसी के चलते कारपोरेशन ने प्रोजेक्ट को समय रहते पूरा करने के साथ सरकारी जांच कमेटी से समीक्षा भी करवाई।

हालांकि सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री दौरे से पूर्व सरकारी जांच कमेटी एक बार फिर मौके का दौरा कर इस प्रोजेक्ट की अंतिम समीक्षा करेगी। इस समय दोनों स्टेशनों के बीच केबिन आर-पार चलाए जा रहे हैं।

उधर प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य ढांचागत कार्य भी पूरे हो चुके है। पीरखोह व बाहूफोर्ट में वाहनों के लिए पार्किंग स्थल, व्यू प्वाइंट, शौचालय निर्माण का कार्य पूरा हाे चुका है और बाहूफोर्ट में एक विश्व स्तरीय यूरोपियन स्टाइल का रेस्तरां भी उद्घाटन का इंतजार कर रहा है जहां से तवी नदी व पुराने शहर का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।

पांच साल में पूरा हुआ प्रोजेक्ट

वर्ष 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सैयद ने जम्मूवासियों को पीरखोह से महामाया व महामाया से बाहूफोर्ट तक केबल कार चलाने का हसीन सपना दिखाया था। कई अड़चनों को पार करने के करीब एक दशक बाद राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के 24 फरवरी 2014 को इसका नींव पत्थर रखा। केबल कार कारपोरेशन ने कोलकाता की दामोदर रोप-वे एंड इंफ्रा लिमिटेड कंपनी को टेंडर अलाट किया जिसने अनंतनाग की फैच कंस्ट्रक्शन कंपनी को निर्माण का जिम्मा सौंपा। केबल कार के केबिन तुर्की की कंपनी एसटीएम टेलीफेरिक से मंगवाए गए हैं।

तीन टर्मिनल बने

करीब 1.6 किलोमीटर लंबे इस केबल कार प्रोजेक्ट में तीन टर्मिनल बने है। पहला टर्मिनल पीरखोह, दूसरा महामाया पार्क और तीसरा बाहूफोर्ट में बनाया गया है। पर्यटक बाहूफोर्ट या पीरखोह से गंडोले में बैठ कर बावे वाली माता, एतिहासिक पीरखोह गुफा, महामाया मंदिर सहित अन्य स्थलों का नजारा ले सकेंगे। पीरखोह से महामाया पार्क तक केबल कार की लंबाई 1137 मीटर और इसमें आठ केबिन लगे हैं व महामाया पार्क से बाहूफोर्ट की लंबाई 453 मीटर है और इसमें दस केबिन लगे हैं। प्रत्येक केबिन में छह लोगों के बैठने की क्षमता है। इस केबल कार से प्रति घंटा 400 लोगों को पहुंचाया जा सकेगा। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए 122 वाहनों को खड़ा करने की क्षमता वाला पार्किंग स्थल भी बनाया गया है।

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