मध्य प्रदेश

भय्यू महाराज सुसाइड केस : हजार करोड़ की संपत्ति फिर भी उधार पैसे मांगे

जिस महाराज की हजार करोड़ की संपत्ति के लिए अब विवाद की स्थिति बन रही है और उसे सुलझाने के लिए तरह-तरह के फार्मूले निकाले जा रहे हैं उन्हीं महाराज की बीमारी के दौरान पिछले महीनों अस्पताल का बिल चुकाने में समस्या आ रही थी। बेटी कुहू को पढ़ाई के लिए इंग्लैंड भेजने के लिए भी उन्होंने अकसर आश्रम आने वाली मुंबई की प्रसिद्ध गायिका और कुछ कारोबारियों से आर्थिक मदद मांगी थी।

आश्रम से जुड़े सूत्रों में इस बात की भी चर्चा है कि भय्यू महाराज आर्थिक परेशानी का सामनाा कर रहे थे। उन्होंने कुछ दिनों पूर्व 10 लाख रुपए कर्जा भी लिया था। कुछ कारोबारी और अकसर उनके आश्रम आने वाली मुंबई की प्रसिद्ध गायिका से भी रुपए की गुहार लगाई थी। बताया तो यह भी जाता है कि एक महीने पूर्व वह निजी अस्पताल में भर्ती हुए तो उपचार के लिए रुपए कम पड़ गए।

बाएं हाथ का उपयोग करते थे, गोली दाएं हाथ से चलाई

भय्यू महाराज के अनुयायियों ने उनकी आत्महत्या पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भय्यू महाराज बाएं हाथ का उपयोग करते थे यानी लेफ्टहैंंडी थे, लेकिन उनकी मौत दाए ओर गोली लगने से हुई हैं। उन्हें गोली चलाने पर भी संदेह है। सीएसपी मनोज रत्नाकर के मुताबिक प्रारंभिक जांच में पुलिस को किसी प्रकार का संदेह नहीं है। फिर भी पुलिस गन शॉट रेसिड्यू (जीएसआर) टेस्ट करवा रही है। सुसाइड नोट की भी हैंड राइटिंग विशेषज्ञ से जांच करवाई जा रही है।

सेवादर व ड्राइवर ने सुनाई कलह कथा

पुलिस ने सेवादार शेखर शर्मा उर्फ पंडित, बचपन से साथी मनोहर सोनी, नर्स गीता, ड्राइवर शरद सेवलकर के भी बयान लिए हैं। शेखर ने पुलिस को बताया कि कुहू और डॉ. आयुषी में अकसर विवाद होता था। कुहू ने उनकी तस्वीर फैंक दी थी। गुस्से में डॉ. आयुषी ने भी पहली पत्नी माधवी की तस्वीरों को हटा दिया था। इसी तरह साथी मनोहर ने तनाव की पुष्टि की। ड्राइवर शरद ने कहा कि भय्यू महाराज जब भी बाहर जाते थे उसे ही बुलाते थे।

परिवार की गोपनीय बैठक, बयान देने पर प्रतिबंध

आश्रम और घर में चल रही खींचतान सार्वजनिक होने के बाद गुरुवार रात श्रीसद्गुरु दत्त धार्मिक पारमार्थिक ट्रस्ट के पदाधिकारी और परिजन की गुप्त बैठक हुई। वरिष्ठजनों ने कुहू और डॉ. आयुषी को समझाते हुए विवाद सुलझाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कलह को पहले ही समाप्त कर लिया जाता तो भय्यू महाराज आत्महत्या नहीं करते। उनके जाने के बाद समाज में बदनामी हो रही है। मीडिया में तरह-तरह की खबरें छप रही है इसलिए किसी तरह का बयान देने से पुलिस किसी को भी फंसा सकती है।

उन्होंने सेवादार, कर्मचारी, रिश्तेदार, कुहू और डॉ.आयुषी को भी बयान देने से मना कर दिया। सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक न्यास की ओर से शुक्रवार शाम बाकायदा बयान जारी कर कहा कि भय्यू महाराज सामाजिक और सेवाभावी नेतृत्व करने वाले रहे हैं। उनके विचार और कार्य सदैव असामान्य रहे और सामान्य लोगों की समझ के बाहर रहे हैं। उनके आकस्मिक निधन से सभी को आघात लगा है। पुलिस उच्चस्तरीय जांच कर रही है इसलिए जांच के बाद ही आश्रम या परिवार की ओर से कुछ कहा जा सकेगा।

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