जम्मू कश्मीरप्रदेश

अमरनाथ यात्रा के बाद जम्मू-कश्मीर में बन सकती है सरकार

जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने के लिए पीडीपी के विद्रोही विधयक भाजपा से मिला सकते है हाथ। बहुत जल्द बनेगी रियासत में सरकार, विधायक अब्दुल मजीद पाडर ने किया दावा। सूत्रों के मुताबिक नई सरकार में सज्जाद गनी लोन हो सकते हैं मुख्य्मंत्री। 
 
रियासत में पीडीपी भाजपा गठबंधन टूटने के बाद पीडीपी में हुई बगावत अब खुलकर सामने देखने को मिल रही है। जहां महबूबा मुफ्ती द्वारा दिए गए विवादात्मक बयान के बाद पीडीपी के विद्रोही विधायकों ने महबूबा मुफ्ती को पार्टी अध्यक्ष के पद से हटाने पर जोर दिया गया वहीं अब यही विधायक जम्मू कश्मीर रियासत में जल्द ही सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं।
 
राजनीतिक हलचल दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और इसी के चलते शनिवार को पीडीपी विद्रोही विधायक में से एक अब्दुल मजीद पाडर ने खुलकर कहा की पीडीपी हम है और हम जल्द ही सरकार बनाएंगे। 
 
उन्होंने कहा कि लोगों ने हमें 6 सालों के लिए चुना है हम उन्हें धोखा देकर बीच मजधार में नहीं छोड़ सकते। हम चाहते हैं कि सरकार बने और हम उनके मसलों के हल निकाल सकें। एक सवाल के जवाब में पाडर ने कहा कि सरकार बनाने के लिए दरकार 44 की ही है लेकिन हमारे पास 51 विधायकों का समर्थन हासिल है।

उन्होंने कहा कि हम सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी के एक जैसी मानसिकता रखने वाले विधायकों के साथ मिला सकते हैं। जब मुफ्ती मोहम्मद सईद जो हमारे इतने  बड़े नेता उन्होंने भाजपा के साथ हाथ मिलाया था तो हम उनके साथ क्यों नहीं जा सकते।
 
जम्मू कश्मीर की खुशहाली और विकास के लिए राज्य में बहुत जल्द सरकार बनेगी, सज्जाद लोन सहित भाजपा और अन्य  निर्दली विधायकों से बात चल रही है।
 
वही पीडीपी के प्रवक्ता रफी मीर का कहना है कि इन विधायकों के खिलफ पार्टी के संविधान के अन्तर्गत जो करवाई होनी होगी वो होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आगे के लिए रास्ते खुले है और सरकार बनाई जाए या चुनाव हो इस पर फैसला नहीं हुआ है। 
 
इस बीच अन्य राजीनीतिक दल पीडीपी में पड़ी दारार को देख अपने दलों को टूटने के बचाने के लिए लगतार मांग कर रहे है कि राज्य की विधानसभा भंग की जाए। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा को ससपेंड रखने के बजाए उसे भंग किया जाए ताकि जोड़तोड़ की कोशिश बंद हो।
 
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार नहीं बनना चाहती तो विधानसभा भंग क्यों नहीं की जा रही है। भले ही चुनाव न हो मगर विधानसभा भंग होनी चाहिए। 
 
गौरतलब है कि बागी दल के विधायकों से बात कर यह भी संकेत मिले है कि कोई नया राजीतिक दल उभर रहा है जिसे वो फर्स्ट फ्रंट का नाम दे सकते हैं और उस की अगुवाही सज्जाद लोन कर सकते है। संकेत यह भी मिल रहे हैं कि अगर सरकार बन जाती है तो  सज्जाद राज्य के नए मुख्य्मंत्री हो सकते है। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक अमरनाथ यात्रा के बाद राज्य नई सरकार देख सकता है।
 

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