जम्मू कश्मीर में मिलकर सरकार बना सकते हैं बागी
महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व को खुली चुनौती देने के बाद शनिवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के बागी विधायक अब्दुल मजीद पडर ने कहा कि वह समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं। इसमें भाजपा भी हो सकती है। अगर भाजपा को गले लगाने में हमारे नेता स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद को कोई एतराज नहीं था तो हमें कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि यहां कोई तीसरा मोर्चा नहीं है। हमारा एक ही मोर्चा है। हमारे पास सरकार बनाने के लिए जरूरी 44 के बजाय 51 विधायकों का समर्थन है। हम किसी से चोरी छिपे नहीं मिल रहे हैं। हम जो कह रहे हैं सबके सामने कह रहे हैं।
दक्षिण कश्मीर में नूराबाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक अब्दुल मजीद पडर ने कहा कि हमारा मकसद लोगों को मुश्किल हालात से निकालते हुए उन्हें अमन व तरक्की के दौर में ले जाना और खानदानी सियासी राज को मिटाना है। अगर यहां जम्हूरियत सही तरीके से बहाल होती है तो शांति होगी और कश्मीर मसला भी हल हो जाएगा। लोगों ने हमें छह साल के लिए चुना था, इसलिए हम चाहते हैं कि दोबारा सरकार बने, ताकि लोगों को बचे हुए दो-अढ़ाई साल के दौरान एक बेहतर सरकार देते हुए उनके साथ किए गए वादों को पूरा किया जा सके।मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाने पर पडर को बतौर पीएचई राज्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था।
पीडीपी भाजपा गठबंधन सरकार गिरने के बाद पीडीपी में जिन विधायकों ने इमरान रजा अंसारी के नेतृत्व में महबूबा के खिलाफ बगावत का झंडा उठाया है, उनमें अब्दुल मजीद पडर प्रमुख हैं। महबूबा ने उनकी नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें गत मंगलवार को अपने घर भी बुलाया था और दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बैठक भी चली थी।दैनिक जागरण के साथ फोन पर बातचीत में पडर ने कहा कि राज्यपाल शासन किसी भी तरह से लोकतांत्रिक व्यवस्था का विकल्प नहीं हो सकता। राज्य में एक निर्वाचित सरकार जरूरी है और अगर नयी सरकार के गठन के लिए राज्यपाल मौजूदा विधानसभा को निलंबित कर चुनावों का एलान करते हैं तो हम उसके लिए भी तैयार हैं।सभी विकल्प खुले रखे :पडर ने कहा कि जरूरी नहीं कि हम भाजपा के साथ ही सरकार बनाएं।
हम कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के समान विचारधारा वाले लोगों के साथ भी सरकार बना सकते हैं। हमारे पीडीपी के बहुत से साथी भी तैयार हैं। अगर महबूबा अपना रवैया बदलती हैं तो हम उनके साथ भी सरकार बना सकते हैं। ऐस कहकर पडर ने सभी विकल्प खुले रखने के संकेत दिए हैं। पडर ने कहा कि हम समान विचारधारा वालों के साथ एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत सरकार बना सकते हैं।
पीडीपी-भाजपा ने भी तो इसी आधार पर सरकार बनाई थी, लेकिन वह न्यूनतम साझा कार्यक्रम हम विधायकों को बताकर तय नहीं हुआ था। ये हैं पीडीपी के बागी :इमरान रजा अंसारी, आबिद अंसारी, जावेद हुसैन बेग, अब्बास वानी, हसीब द्राबू, अब्दुल मजीद पडर, एमएलसी यासीर रेशी और एमएलसी सैफुद्दीन भट्ट खुले में बगावत का बिगुल बजा चुके हैं। बताया जा रहा है कि पीडीपी के कुल 28 में से 14 विधायक पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। इनका कहना है कि असली पीडीपी हम हैं।
जम्मू कश्मीर में कुल सीटें : 87
पीडीपी : 28
भाजपा : 25
नेकां : 15
कांग्रेस : 12
अन्य : 07
बहुमत के लिए चाहिए : 44