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बिहार में स्कूल-कॉलेज खुलेंगे पर माननी होगी ये शर्ते

कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के कारण बीते मार्च से ही बिहार में स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद पड़े हैं. राज्य सरकार ने इसे अब चरणबद्ध तरीके से खोलने की अनुमति दे दी है. इसकी शुरुआत 4 जनवरी से होगी, जिसके तहत शुरुआती दौर में उच्च कक्षाओं के लिए स्कूल कॉलेज खुलेंगे.

इसके बाद राज्य सरकार इसकी समीक्षा करेगी और 18 जनवरी के बाद 1 से 8 तक के स्कूल भी खोलने की अनुमति दी जा सकती है. बता दें कि शुक्रवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में कुछ शर्तों के साथ स्कूल कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को खोलने का फैसला लिया गया.

स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान कुछ शर्तों के साथ खोले जाएंगे. 4 जनवरी से नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुलेंगे. जबकि कॉलेज सिर्फ अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए खोले जाएंगे. एक सप्ताह के बाद आपदा प्रबंधन समूह समीक्षा करेगा.

आपदा प्रबंधन समूह यह देखेगा कि स्कूल-कॉलेज खोलने के बाद कोरोना का प्रकोप कहीं बढ़ तो नहीं रहा है. समीक्षा में सबकुछ ठीक रहा तो 18 जनवरी से कक्षा 1-8 तक के स्कूल और सभी कक्षा के लिए कॉलेज खोल दिए जाएंगे. हालांकि, इसके बाद भी नियमित रूप से साप्ताहिक समीक्षा जारी रहेगी.

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, स्कूल-कॉलेज प्रबंधन मास्क और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराएंगे. विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य रूप से मास्क पहनना आवश्यक होगा. स्कूल-कॉलेज रोटेशन में चलेंगे. आधे बच्चे एक दिन आएंगे, आधे दूसरे दिन. स्कूलों की भांति यही नियम सभी कॉलेजों में भी प्रभावी होगा.

बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा विभाग की ओर से मुफ्त मास्क दिए जाने का फैसला किया गया है. स्कूल की ओर से प्रत्येक बच्चे और शिक्षक को दो-दो मास्क मुफ्त में दिया जाएगा.

4 जनवरी से राज्य के कोचिंग संस्थान भी खुलेंगे, लेकिन इनके लिए विशेष गाइडलाइन जारी किए गए हैं. दरअसल, ज्यादातर कोचिंग संस्थानों के साथ हॉस्टल होते हैं, इसलिए कोचिंग संस्थानों को पहले कोविड-19 के नियमों के तहत संस्थान शुरू करने की कार्य योजना बनानी होगी.

इसमें कोरोना से बचाव के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी देनी होगी. कोचिंग संस्थानों की कार्य योजना को जिलाधिकारी के स्तर पर मंजूरी मिलेगी. जिलाधिकारी की अनुमति के बाद ही कोचिंग संस्थान और उनके हॉस्टल शुरू होंगे.

गौरतलब है कि सभी स्कूल कॉलेज पर प्रशासन की पैनी निगाह रहेगी. यदि नियमों का उल्लंघन हुआ तो ऐसे स्कूल कॉलेजों पर कार्रवाई भी हो सकती है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि सरकार चौकस रहेगी और प्रत्येक सप्ताह स्कूल-कॉलेजों को लेकर समीक्षा करेंगे.

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