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चिराग पासवान ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को एक बार फिर लिया आढे हाथे

लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई के सांसद चिराग पासवान ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ एक बार फिर से हमला बोला है. आशीर्वाद यात्रा के नौवें चरण के दूसरे दिन आरा में प्रेसवार्ता के दौरान चिराग ने जातिगत जनगणना के सवाल पर नीतीश कुमार को घेरा.

चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री जी पूरी तरीके से जातिवादी सोच रखते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वो प्रदेश को एकजुट करके चलें, जातियों को एक साथ लेकर चलें लेकिन मुख्यमंत्री ही हम लोगों को जातियों में बांटने का काम कर रहे हैं.

चिराग ने राजधानी एक्सप्रेस में बनियान में घूमने वाले विधायक गोपाल मंडल के मामले में कहा कि सीएम दलित को महादलित, पिछड़ा को अतिपिछड़ा करते हैं तो उनके विधायक ऐसी जातिवादी सोच रखते है कि जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हैं.

ये उनकी मानसिकता को दर्शाता है और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. मैं इसका पक्षधर हूं. चिराग ने कहा कि कहीं उन्हें सत्ता का गुरूर है सत्ता का नशा है जो कि विधायक जी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

एनडीए गठबंधन पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पता नहीं क्यों मुझसे व्यक्तिगत रूप से इतने नाराज है कि नही मेरा फोन उठाते और नही मिलने का समय नहीं देते है.

मैंने तो सिर्फ और सिर्फ उनके नीतियों का विरोध किया है. मैं हमेशा पक्षधर रहा हूं कि आप नीतियों का विरोध कीजिए ना लेकिन नीतीश जी ने मेरी पार्टी को तोड़ा, मेरे परिवार को तोड़ा.

जमुई सांसद ने कहा कि किसी भी पार्टी को मेरे परिवार और मेरी पार्टी को तोड़ने का क्या मतलब है. मेरे नीति का विरोध कीजिए जैसे मैं मुख्यमंत्री के नीति सात निश्चय योजना का विरोध करता हूं.

चिराग ने कहा कि मैं यह नहीं मानता कि जल-नल बनाने से किसी भी राज्य का विकास हो पाता है. मैंने कहा कि 15 साल से नीतीश कुमार आखिर किया ही क्या है ? अभी तक शहर के रोड भी सही हो जाने चाहिए थे.

हर घर तक जल नल जाना चाहिए था लेकिन आपने यह नहीं किया जो की आपकी नाकामी है. सरकार के एजेंडे में बेरोजगारी होनी चाहिए थी, शिक्षा होना चाहिए था और स्वास्थ होनी चाहिए थी. यह मेरा एजेंडा नहीं है इसलिए मैंने इसका विरोध किया.

पार्टी में चल रहे विवाद पर चिराग ने कहा कि चुनाव आयोग अब यह निर्णय लेगा कि कोई भी चुनाव चिन्ह या पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने ईडी फॉर्म साइन करने का अधिकार किसके पास है. आज की तारीख में सिंबल को लेकर कोई विवाद नहीं है.

अभी सिंबल को लेकर, पार्टी को लेकर और चुनाव चिन्ह को लेकर कोई मतभेद नहीं है एवं कोई विवाद नहीं है. पार्टी की पहचान पार्टी की नीति से होती है, नेता से होती है और मेरे नेता रामविलास पासवान जी थे.

उन्होंने पिछले 50 साल बिहार के विकास के लिए दिए थे. मैं उन्हीं का अंश हूं मुझमें उन्हीं के संस्कार है और मैं उन्हीं के नीति पर काम कर रहा हूं और करता रहूंगा और इस पर जनता का विश्वास जरूर होगा.

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