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महाराष्ट्र में डेल्टा का एक और वेरिएंट आया सामने बढ़ी चिंता

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में रोजाना उतार-चढ़ाव के बीच डेल्टा वेरिएंट का सब-लीनियज (उप-स्वरूप) AY.4 चिंता बढ़ा सकता है. हालांकि अभी इस बात की पड़ताल जारी है कि AY.4 चिंताजनक है या नहीं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोविड -19 जीनोम सर्विलांस के दौरान महाराष्ट्र से अप्रैल में सैंपल लिए गए 1% नमूनों में AY.4 पाया गया था. जुलाई में इसका अनुपात बढ़कर 2% और अगस्त में 44% हो गया.

अगस्त से एनालसिस किए गए 308 सैंपल्स में से 111 (36%) में डेल्टा (B.1.617.2) पाया गया और इनमें से AY.4 137 नमूनों (44%) में पाया गया. पिछले सप्ताह पूरी हुई

हालिया जिनोम सिक्वेंसिंग में भी AY.4 सहित कई ‘डेल्टा डेरिवेटिव’ पाई गई. एक सूत्र के अनुसार ‘पहले डेल्टा प्लस के नाम से पहचाने जाने वाले डेल्टा और उसके डेरिवेटिव को अभी तक अलग नहीं माना जाता है.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई बीएमसी की एक टीम मरीजों की मेडिकल रिपोर्ट के साथ डेल्टा वेरिएंट की रिपोर्ट को मिलाया जा रहा है ताकि यह समझा जा सके ‘क्या वेरिएंट ने कोविड के लक्षणों और गंभीरता को बदल दिया है…

अगर हां, तो कैसे.’ रिपोर्ट में एक डॉक्टर के हवाले से कहा गया है, कोई वेरिएंट तभी चिंताजनक होता जब हम यह स्पष्ट रूप से जान जाते हैं कि इसका ट्रांसमिशन बढ़ गया या फिर यह संक्रमण का कारण है.’

बेंगलुरु में संक्रमित लोगों के सैंपल्स शुक्रवार को जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए. इस दौरान तीन लीनियज पाए गए, जिसमें डेल्टा और उसके सब लीनियज AY.4 और AY.12 शामिल हैं.

स्ट्रैंड प्रिसिजन मेडिसिन सॉल्यूशंस के रिसरचर्स ने अपनी हालिया रिपोर्ट में स्पाइक प्रोटीन में 133 म्यूटेशन्स पर भी जोर दिया. सोध में पाया गया कि डेल्टा (B.1.617.2) वेरिएंट वाले कुल सैंपल्स में से 52% 19 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के थे.

सब-लीनियज AY.4 – 34% और AY.12 – 13% में मौजूद पाए गए. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बच्चों, टीका लगवा चुके वयस्कों और बिना टीका लगवाए लोगों में यह लीनियज पाए गए.

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