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उत्तर प्रदेश

अमृतसर ट्रेन हादसे में अब तक उत्तर प्रदेश के दस लोगों की मौत

 विजयादशमी पर्व पर पंजाब के अमृतसर में दशहरा मेला के दौरान रेल हादसे में 61 लोगों की मौत हुई हैं। जान गंवाने वालों में उत्तर प्रदेश के भी कई निवासी हैं। अब तक शिनाख्त के प्रदेश के दस लोगों की मौत हुई है। इनमें सुल्तानपुर के एक ही परिवार के तीन, आजमगढ़ व हरदोई के दो-दो तथा गाजीपुर, उन्नाव व अमेठी के एक-एक व्यक्ति हैं।  

पंजाब के अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुआ रेल हादसा उत्तर प्रदेश को भी बहुत बड़ा गम दे गया। इस हादसे में प्रदेश के दस लोगों के मरने की जानकारी अब तक सामने आई है। मृतकों के गांवों में मातम पसरा है और सभी स्तब्ध हैं। पीडि़त परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है।

सुलतानपुर जिले के बल्दीराय थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव निवासी श्रीराम के बेटे दिनेश कुमार (35), पत्नी प्रीती (33) व पुत्र अभिषेक (11) की हादसे में मौत से कोहराम मच गया है। साथ में दिनेश कुमार का दो वर्षीय पुत्र आरुष भी था, लेकिन वह बाल बाल बच गया। इस घटना की सूचना दिनेश के भाई राकेश कुमार ने अपनी मां देवराज को मोबाइल फोन से दी तो वह बेहोश हो गईं।

परिवारीजन बताते हैं कि दिनेश अपने परिवार व भाई राकेश के साथ प्लंबर का काम करते थे और जोड़ा फाटक अमृतसर में रह रहे थे। वह आखिरी बार गत मई में गांव आए थे।

हरदोई जिले के बेहटागोकुल थाना क्षेत्र के सुरजीपुर निवासी आत्माराम के पुत्र गिरेंद्र कुमार (40) व पवन कुमार पंजाब के अमृतसर जिले में धोबीघाट जोड़ा फाटक के पास बीते 20 वर्ष से से परिवार समेत रहते थे।

दोनों फलों का ठेला लगाते थे। शुक्रवार को रावण दहन देखने गए थे और अन्य लोगों के साथ रेल ट्रैक के पास खड़े हो गए थे और उसी समय हादसा हो गया, जिसमें दोनों की मौत हो गई।

आजमगढ़ के तहबरपुर थाना के रैसिंहपुरपुर गांव निवासी 24 वर्षीय राममिलन पुत्र फेकू निषाद अमृतसर में पेंङ्क्षटग का काम करते थे। अभी सात अक्टूबर को अमृतसर गए थे। रावण दहन मेले के समय ट्रेन की चपेट मे आने उनकी मौत हो गई। उनका एक पुत्र दो वर्ष का शिवम है। गर्भवती पत्नी कविता का रो-रोकर बुरा हाल है। इसी प्रकार क्षेत्र के संवरूपुर गांव के रहने वाले 20 वर्षीय बृजभान राम पुत्र रामचंदर की भी इस हादसे में मौत हो गई। वह लगभग डेढ़ माह पूर्व अमृतसर गए थे। चार भाइयों मे चौथे नंबर का बृजभान अविवाहित थे और पेंटिंग का काम करते थे। उनके अन्य भाई भी अमृतसर में ही रहते हैं।

गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के बंगेद गांव निवासी रामबिलास सिंह कुशवाहा और उनके छोटे भाई प्रदीप (22) अमृतसर में रह कर प्राइवेट कंपनियों में नौकरी करते थे। प्रदीप अपने बड़े भाई के बच्चों चार वर्षीय सार्थक और सात वर्षीय काजल को घुमाने रावण दहन के मेले में गए थे। वहां ट्रेन से हुए हादसे में प्रदीप और सार्थक की मौत हो गई। भतीजी गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जीवन-मौत से जूझ रही है। हादसे की खबर लगते ही गांव में मातम छा गया।

अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास दशहरा मेला में रावण दहन के दौरान हुए रेल हादसे में मरने वालों में उन्नाव के विहार थाना क्षेत्र के मनिकापुर के मजरा मानपुर निवासी रामशंकर (45) पुत्र बुद्धी कुरील भी थे। वह करीब 20 वर्ष पहले अमृतसर में बैग बनाने का काम करने वाले रामशंकर शहर के कृष्णानगर इलाके में रहता था।

परिवार को बेहतर जिंदगी देने के लिए वह अकेले ही रहकर अतिरिक्त आमदनी के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करता था। उस पर बुजुर्ग पिता और मां सहदेई के साथ पत्नी निर्मला, बेटी अन्नया (11) और बेटा समीर (8) की जिम्मेदारी थी। साथ काम करने वालों से जिस वक्त से घर पर हादसे में मौत की सूचना मिली उसके बाद से परिजनों का बुरा हाल है।

अमेठी के शिवगढ़ के रहने वाले राम तीरथ कश्यप भी पंजाब में नौकरी करते हैं। उनका 18 साल का बेटे दीपक उस रात अपने दोस्तों के साथ रावण दहन देखने गया था। रेल हादसे में उसकी भी मौत हो गई।

भगदड़ की चपेट में आए एक ही परिवार के नौ सदस्य, चार गंभीर

ट्रेन हादसे के बाद मची भगदड़ में सिद्धार्थनगर जिले के कोतवाली लोटन के ग्राम बेलवा निवासी नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी एक परिवार के सदस्य हैं। चार की स्थिति गंभीर है। सभी का इलाज अमृतसर के गुरु नानक व सिविल अस्पताल में चल रहा है। सभी पीडि़त घटना के बाद मची भगदड़ में भीड़ से कुचल गए थे। घायलों का नाम सुदेसर (70), श्याम बहादुर (38), राम बहादुर (34), संतोष (15), लक्ष्मी (11), विशाल (10), संध्या (10), अमित (9) व काजल (7) है। संतोष, सुदेसर, रामबहादुर व विशाल की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां पर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बेलवा निवासी मां कोइला देवी ने बताया कि पति सुदेसर के साथ दो पुत्र व उनका परिवार करीब 20 वर्ष से अमृतसर के कृष्णानगर मोहल्ला में रह रहा है। वहां पर फल का व्यापार है। दशहरा की छुट्टी व रामलीला मैदान पास में होने पर परिवार के सभी सदस्य रावण दहन देखने के लिए गए थे।

सीएम ने की श्याम बहादुर से मुलाकात

भाई जीत बहादुर ने बताया कि शनिवार सुबह वह टीवी पर समाचार देख रहा था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर ङ्क्षसह अस्पताल में घायलों से हालचाल पूछ रहे थे। इसी दौरान वह श्याम बहादुर के पास भी पहुंचे। उससे बात भी की। टीवी पर भाई को भला-चंगा देख दिल को थोड़ी तसल्ली मिली। 

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