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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने नोटिस जारी करने का विरोध किया, जिस पर CJI ने भी जताई आपत्ति

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ कुल 14 याचिकाओं पर सुनवाई की और इस पर केंद्र सरकार को नोटिस भी  जारी किया . अनुच्छेद 370 को हटाने की वैधता पर अब सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ अक्टूबर महीने में सुनवाई करेगी. इस बीच अदालत में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने नोटिस जारी करने का विरोध किया, जिसपर CJI ने भी आपत्ति जताई.

उन्होंने अदालत में कहा कि इस मामले में नोटिस जारी करने से दूसरे देश इसका फायदा उठाएंगे. उन्होंने कहा कि इसका असर सरहद पार तक जाएगा. जिस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमें पता है कि हमें क्या करना है, हमने ऑर्डर दे दिया है. और वह अपना आदेश नहीं बदलेंगे. सॉलिसिटर जनरल के अलावा अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने भी नोटिस न जारी करने की सलाह दी.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट इस मसले की सुनवाई अब अक्टूबर के पहले हफ्ते में करेगा. इसके अलावा भी अदालत के द्वारा जम्मू-कश्मीर में प्रेस फ्रीडम को लेकर सरकार को नोटिस जारी किया गया है. मीडिया वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक हफ्ते में जवाब देने को कहा है.

हालांकि, इससे अलग कुछ याचिकाओं का सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत निपटारा किया. जैसे लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी को श्रीनगर जाने की इजाजत दे दी गई है और अब वह वहां जाकर अपनी पार्टी के विधायक से मुलाकात कर सकते हैं. इसके अलावा दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र को भी अनंतनाग जाकर अपने घरवालों से मिलने की इजाजत दी गई है.

आपको  बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 कमजोर करने का फैसला किया था, जिसे कई विपक्षी पार्टियों और NGO ने गैर-संवैधानिक बताया था, इसी को लेकर अदालत में कई याचिकाएं दायर की गई थीं.

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