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दिल्ली में खून सस्ता और पानी महंगा…

मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर अनशन पर बैठे भाजपा सांसद व विधायकों ने पिछले दो महीनों में पानी को लेकर हुई हिंसक झड़पों में तीन लोगों की मौत के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सचिवालय परिसर में मृतकों की तस्वीर के साथ प्रदर्शन किया और कहा कि दिल्ली में खून सस्ता और पानी महंगा हो गया है। लोगों की जान बचाने के बजाय मुख्यमंत्री ने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया है। इसलिए जब तक वह अपने कार्यालय में आकर लोगों की समस्या हल करने के लिए काम नहीं करेंगे तब तक अनशन जारी रहेगा।

लोग पानी के लिए एक दूसरे की जान ले रहे हैं

भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा, दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, दिल्ली के पूर्व जल मंत्री व ‘आप’ के नाराज विधायक कपिल मिश्रा और भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा व जगदीश प्रधान पिछले चार दिनों से मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं। पिछले दो दिनों से उन्होंने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर खून बह रहा है। दो महीने में पानी के लिए तीन लोगों की हत्या कर दी गई। दिल्ली के इतिहास में इस तरह की स्थिति पहली बार हुई है जब लोग पानी के लिए एक दूसरे की जान ले रहे हैं और पानी का मंत्री अपने ‘आप’ को कमरे में बंद कर रखा हो।

केजरीवाल अपना काम छोड़कर बैठे हुए हैं

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गर्मी के दिनों में दिल्ली में 1200 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रतिदिन) पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन आपूर्ति 870 एमजीडी से भी कम की हो रही है। कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की कोई फाइल उपराज्यपाल व केंद्र सरकार के पास नहीं जाती है। जल बोर्ड का पूरा बजट एक बार में पास होता है। इसे कोई नहीं रोक सकता है, लेकिन जल बोर्ड के चेयरमैन अरविंद केजरीवाल अपना काम छोड़कर बैठे हुए हैं।

 

सीएम को काम पर लौटना चाहिए

मिश्रा ने कहा कि लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश, ममता बनर्जी को दिल्ली के लोगों ने कभी स्वीकार नहीं किया है। केजरीवाल इन लोगों को दिल्ली की सियासत में लाकर जाति व धर्म की राजनीति करना चाहते हैं। इसे दिल्लीवासी कभी स्वीकार नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री को दिल्ली के मुद्दों पर बात करनी चाहिए और लोगों की समस्याएं हल करने के लिए काम पर लौटना चाहिए। 

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